दोस्तों ये कविता हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi) जी की है। जो एक महान Leader थे और भारत के प्रधानमंत्री थे। भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi) एक थे। ये एक राजनेता होने के साथ – साथ एक प्रखर वक्ता, हिंदी कवि, पत्रकार और वाचक थे। अटल बिहारी वाजपेई ही एक ऐसे नेता थे जिन्होंने लाल बहादुर शास्त्री और जवाहर लाल नेहरु के बाद लगातार तीन बार प्रधानमंत्री का पद संभाला। ये एक ऐसे राजनेता थे जिनको जनता के लोगों के साथ – साथ हर पार्टी के लोग और इनके विरोधी भी दिल से सम्मान करते थे। ये अपनी साफ छवि,लोकतांत्रिक और उदार विचारों के लिए जाने जाते हैैं।एक सच्चे राजनेता के तौर पर अटल बिहारी वाजपेई ने अपनी मेहनत,लगन और निष्ठा से एक अलग पहचान बनाई। अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi) के अंदर अपने शब्दों के माध्यम से अपने विचारों को लोगों तक पहुंचाने की एक अदभुत कला थी। जिसके कारण इनको एक अलग पहचान मिली। इन्हें Leader of The Leader भी कहा जाता है। इन्होंने सबको साथ लेकर चलना सिखाया। ऐसे महान व्यक्ति के बारे में शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है। लेकिन फिर भी आज हम आपको इनके जीवन के बारे में बताएंगे।
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अटल बिहारी का प्रारम्भिक जीवन –
- अटल बिहारी वाजपेई का जन्म 25 Dec 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। इनका पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में हुआ था।
- इनके पिता का नाम कृष्ण बिहारी वाजपेई और माता का नाम कृष्णा देवी था। इनके पिता मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक स्कूल में अध्यापक थे।
- इनके पिता टीचर तो थे ही साथ ही साथ एक अच्छे कवि भी थे। इनके पिता ब्रज और हिंदी भाषा में कविताएं भी लिखते थे। कहा जाता है अटल बिहारी वाजपेई में कविता लिखने का गुण इनके पिता से विरासत में मिला था।
- अटल बिहारी वाजपेई के तीन भाई और तीन बहनें थीं। भाई के नाम अवध बिहारी वाजपेई, प्रेम बिहारी वाजपेई और सुदा बिहारी वाजपेई था। बहन के नाम उर्मिला मिश्रा,विमला मिश्रा और कमला मिश्रा था।
- अटल बिहारी बाजपेई को कविता लिखने, घूमने, पढ़ने और संगीत सुनने का बहुत शौक था।
- अटल बिहारी वाजपेई के दोस्त पी. वी. नरसिम्हा राव थे।
शिक्षा –
- अटल बिहारी वाजपेई ने अपनी स्कूल की पढ़ाई ग्वालियर,मध्य प्रदेश के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय गोरखी, बारा से की थी।
- इन्होंने ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज से हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत में बी. ए. किया था।अब यह कॉलेज लक्ष्मीबाई कॉलेज के नाम से जाना जाता है।
- उसके बाद ने अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए कानपुर आ गए।कानपुर के डी. ए. वी. कॉलेज से इन्होंने राजनीति शास्त्र में एम. ए. किया था और ये परीक्षा में First Division से पास हुए थे।
- इन्होंने कानपुर से ही एलएलबी की पढ़ाई शुरू की थी लेकिन किसी कारण से पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। और राष्ट्रीय संघ के कार्यों में लग गए।
- कॉलेज समय में ही ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक बने थे और राष्ट्रीय स्तर की वाद – विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेते थे।
- इन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीन दयाल उपाद्ध्यय से राजनीति तो सीख ही ली थी।लेकिन इन्होंने कुछ पत्र पत्रिकाओं का भी संपादन किया था इन्होंने Paunchajanya, राष्ट्रधर्म, दैनिक स्वदेश और वीर अर्जुन जैसी पत्रिकाओं का संपादन किया था।
करियर –
- अटल बिहारी वाजपेई ने सबसे पहले अपने करियर की शुरूआत राजनैतिक क्षेत्र से की। जिसमें वे स्वतंत्रता सेनानी के रूप थे। अटल बिहारी वाजपेई (Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi) ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। जिसमें उन्हें उनके बड़े भाई प्रेम के साथ 23दिनों के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। और इस शर्त पर छोड़ा गया कि दुबारा किसी ब्रिटिश विरोधी संघर्ष में भाग नहीं लेंगे।
- अटल बिहारी वाजपेई पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने भारतीय राष्ट्रीय संघ की स्थापना की थी और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे।
- अटल बिहारी वाजपेई ने सबसे पहले सन 1952 में लोकसभा चुनाव लड़ा था जिसमें वे हार गए थे।
- लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दुबारा फिर से सन 1957 में उत्तरप्रदेश के बलरामपुर के जिला गोंडा से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत गए। और यहां पर वे जनसंघ प्रत्याशी के रूप में 20 साल तक संसदीय नेता रहे थे ।
- अटल बिहारी वाजपेई ने सन 1957 – 1977 के बीच में जनता पार्टी की स्थापना की थी।
- अटल बिहारी बाजपेई मोरारजी देसाई की सरकार में सन 1977 – 1979 तक विदेशमंत्री रहे थे।अपने इस कार्यकाल के दौरान विदेशों में भी भारत की एक अलग छवि और एक अलग पहचान बनाई थी।
- अटल बिहारी वाजपेई ने सन 1980 में किसी कारण वश जनता पार्टी को छोड़ दिया था और सन 1980 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे।
- 16 May 1996 को इन्हें भारत के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। और इन्होंने भारत की बागडोर संभाली।
- 19 March 1998 को इन्हें पुनः भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया और इन्होंने बड़े से प्रभावशाली तरीके से भारत की बागडोर को संभाला था। ये 22 May 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। ये राजनैतिक दलों का नेतृत्व करते रहे और पांच सालों तक देश की प्रगति की राह खोजते रहे और देश की प्रगति की।
- अपने पांच साल पूरे करने के बाद उन्होंने सन 2005 एन.डी. ए. की गठबन्धन सरकार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और उनके विरोध में कांग्रेस के नेतृत्व में यू.पी. ए. की गठबन्धन सरकार ने भी चुनाव लड़ा। लेकिन अटल बिहारी असफल रहे और कांग्रेस के नेतृत्व में यू.पी.ए. की गठबन्धन सरकार ने सफलता हासिल की और सरकार बनने ने सफल रही।
- दिसंबर 2005 से ये अस्वस्थ रहने लगे थे और इन्होंने राजनीति से संन्यास ले लिया था और नई दिल्ली में अपने सरकारी आवास पर रहने लगे थे।
गीत नहीं गाता हूं ।
बेनकाब चेहरे है, दाग बड़े गहरे हैं,
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं ।
लगी कुछ ऐसी नज़र बिखरा शीशे सा शहर,
अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं ।
पीठ में छुरी सा चांद राहू गया रेखा फांद,
मुक्ति के क्षणों में बार बार बंध जाता हूं,
गीत नहीं गाता हूं ।
अटल बिहारी वाजपेई ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में क्या क्या काम किया –
- अटल बिहारी वाजपेई तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे हैं पहले ये 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने फिर 13 महीने के लिए फिर 1999 – 2004 तक प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान यह साबित कर दिया कि गठबन्धन सरकार को भी सफलतापूर्वक चलाया जा सकता है। बतौर प्रधानमंत्री उन्होंने कुछ ऐसे फैसले लिए जिससे भारत की राजनीति हमेशा के लिए बदल दिया।
भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र बनाया (पोखरण का सफल परीक्षण किया) –
- अटल बिहारी वाजपेई की आगवाही में भारत ने 13 May 1998 को राजस्थान के पोखरण में एक सफल परमाणु परीक्षण किया। इस परीक्षण का नाम ऑपरेशन शक्ति था।
- यह परीक्षण करके भारत पूरी दुनिया के परमाणु परीक्षण वाले देशों में शामिल हो गया। अन्य देशों ने इस परीक्षण पर बहुत प्रतिबन्ध लगाए। लेकिन अटल बिहारी वाजपेई ने सबका कठोरता पूर्वक सामना किया और भारत को आर्थिक विकास की ओर अग्रसर किया।
- भारत में यह परीक्षण इतनी गोपनीयता से किया गया कि परमाणु परीक्षण वाले दूसरे देशों और जासूसी उपग्रहों को इसकी भनक तक नहीं लगी।
भारत को जोड़ने की योजना (स्वर्णिम चतुर्भुज योजना)-
- अटल बिहारी वाजपेई ने जिस काम को सबसे ज्यादा अहम माना वह थी सड़कों के माध्यम से भारत को जोड़ने कि योजना। इस योजना को उन्होंने चेन्नई, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई जैसे राज्यों को जोड़ने के लिए लागू किया था।
- इस परियोजना को स्वर्णिम चतुर्भुज सड़क परियोजना का नाम दिया। इंग्लिश में इस परियोजना को गोल्डन क्वाडिलेट्रल प्रोजेक्ट या जी. क्यू. प्रोजेक्ट कहा जाता है। उन्होंने इसके साथ ही गावों में भी प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की शुरुआत की।
(Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi)
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भारत और पाकिस्तान के सम्बन्धों में सुधार लाने की पहल की –
- भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध स्थापित करने के लिए अटल बिहारी वाजपेई ने 19 Feb 1999 को दिल्ली से लाहौर तक बस सेवा की शुरुआत की। और ये पहले यात्री थे जिन्होने दिल्ली से लाहौर तक बस में यात्रा करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मुलाकात की तथा आपसी संबंधों को मजबूत करने की पहले की।
कारगिल युद्ध –
- जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने पाकिस्तान से संबंध स्थापित करने की बात कर ली थी। उसके कुछ दिनों बाद ही परवेज़ मुशर्रफ़ की शह में पाकिस्तानी सेना और कुछ उग्रवादियों ने भारत की सीमा कारगिल क्षेत्र में घुसपैठ कर ली।
- भारत की कई पहाड़ी चोटियों पर कब्जा कर लिया। तब अटल बिहारी वाजपेई ने ठोस कदम उठाकर भारत से पाकिस्तानी सैनिकों को वापस भेजने के लिए करीब दो महीने तक युद्ध किया जिसने भारत के 500 से ज्यादा लोग मारे गए। इस प्रकार एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के सम्बन्धों में सुधार की पहल शून्य हो गई।
निजीकरण को बढ़ावा दिया और विदेशों में निवेश की शुरुआत की –
- अटल बिहारी वाजपेई ने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में निजी क्षेत्रों में खूब विकास किया। और निजी क्षेत्रों के कामों को बहुत तेजी से बढ़ाया। इनके नेतृत्व में भारत से सरकारी कम्पनियों को बेचने का काम शुरू हो गया।
- भारत एल्युमिनियम कम्पनी, हिंदुस्तान जिंक, इंडियन पेट्रोकेमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड, विदेश संचार निगम लिमिटेड जैसी कंपनियों को बेचना प्रारम्भ हो गया। उन्होंने अपने कार्यकाल में ही प्राइवेटाइजेशन की शुरुआत कर दी थी। उन्होंने कॉरपोरेट के क्षेत्र में काफी विकास किया।
- पहले देश में बीमा का क्षेत्र सरकारी कम्पनियों के Under में होता था। लेकिन इन्होंने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल में भारत में विदेशी निवेश के रास्ते खोल दिए। और बीमा कंपनियों में निवेश की एक सीमा रख दी।
- जिसमें 26 फीसदी ही निवेश कर सकते हैं। मोदी सरकार ने 2015 में इस निवेश की सीमा बढ़ाकर 49 फीसदी कर दिया। कंपनियों के निजीकरण से जो आरक्षण मिलता था वो भी खत्म हो गया।
संचार क्रांति के दूसरे चरण की शुरुआत की –
- अटल बिहारी वाजपेई ने 1999 में नई टेलीकॉम नीति की शुरुआत की और उन्होंने भारत दूर संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के एकाधिकार को खत्म कर दिया। लोगों को सस्ती दरों पर फोन कॉल्स की सुविधा प्रदान की।
सर्व शिक्षा अभियान की शुरूआत की –
- अटल बिहारी वाजपेई ने 2000 – 2001 में एक नई शुरुआत की। सर्व शिक्षा अभियान की।इस अभियान के तहत 6 से 14 साल के बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने का प्रावधान था।
- इस अभियान से यह फायदा हुआ जो बच्चे बीच में पढ़ाई छोड़ देते थे। जिससे पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आ रही थी सन 2000 में इस अभियान के शुरू होने से बच्चों के ड्रॉप आउट करने की संख्या 40 फीसदी थी 2005 में ये संख्या घट कर 10 फीसदी हो गई।
- इस अभियान के शुरू करने के बाद अटल बिहारी वाजपेई ने इस पर एक थीम लाइन भी लिखा था जिसका नाम ‘ स्कूल चले हम ‘ था।
संविधान समीक्षा आयोग का गठन –
- संविधान में संशोधन की जरूरत पर विचार करने के लिए Feb 2002 में संविधान समीक्षा आयोग का गठन किया गया।
पोटा कानून –
- यह कानून आन्तरिक सुरक्षा के लिए बनाया गया था। 13 Dec 2001 को जब भारतीय संसद पर पांच चरमपंथियों ने हमला किया था। तो इससे किसी नेता को नुकसान नहीं हुआ था लेकिन सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। यह दिन भारतीय इतिहास का काला दिन माना जाता है।
- तभी ये कानून बनाया गया था यह सख्त आतंकवाद निरोधी कानून था। यह 1995 में बनाए गए टाडा कानून से भी कड़ा कानून था। इसके बनने से दो साल के अंदर में 800 लोगों को गिरफ्तार और 4000 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था।
कुछ अन्य कार्य –
- जातिवाद जनगणना पर रोक लगाई।
- राजधर्म का पालन करना सिखाया।
- कावेरी जल विवाद को भी सुलझाया जो 100 वर्षों से भी ज्यादा पुराना था।
- राष्ट्रीय राजमार्गों और हवाई अड्डों का विकास किया।
- सात सूत्रीय निर्धनता उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत उड़ीसा के सबसे ज्यादा गरीब क्षेत्रों के लिए किया।
- अर्बन सीलिंग एक्ट को खत्म किया।
- रोज़ा इफ्तार की शुरुआत सरकारी खर्चे पर की।
व्यक्तिगत जीवन –
- अटल बिहारी वाजपेई ने शादी नहीं की थी। क्यूंकि उन्होंने आजीवन अविवाहित रहने का प्रण लिया था। इसलिए उन्हें भिष्मपितामह भी कहा जाता है।
- वे काफी समय तक अपनी दोस्त राजकुमारी कौल के साथ रहे। जिनकी मृत्यु 2014 में हो गई।
- अटल बिहारी वाजपेई ने बी. एन. कौल की बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य को गोद लिया था।ये इनकी दाम्पत्य पुत्री थी।
- अटल बिहारी वाजपेई बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य और पोती निहारिका तथा दामाद रंजन भट्टचार्य के साथ दिल्ली में अपने सरकारी आवास पर रहते थे।
मृत्यु –
- अटल बिहारी वाजपेई को 2009 में एक दौरा पड़ा था। जिससे वे बोलने में असक्षम हो गए थे।तभी ये इनका स्वास्थ्य खराब रहने लगा था।
- 11 June 2018 को उनकी तबियत ज्यादा खराब हो जाने के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। यहां पर इलाज़ के दौरान 16 Aug 2018 की शाम 5:05 बजे इनकी मृत्यु हो गई और वे इस दुनिया और हम सबको छोड़ कर चले गए।
- इनकी मृत्यु से पूरे भारत देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक था और इनके निधन से कई देशों जैसे -अमेरिका,बांग्लादेश,ब्रिटेन,नेपाल,जापान और चीन ने भी शोक व्यक्त किया था।
- 17 August 2018 को इनकी दाम्पत्य पुत्री नमिता कौल ने इनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी थी।
- इनकी समाधि दिल्ली के राजघाट के पास बने शांति वन में स्मृति स्थल में है।
- देश की सभी प्रमुख नदियों में इनकी अस्थियों को विसर्जित किया गया था।
(Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi)
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अटल बिहारी वाजपेई का जीवन कवि रूप में कैसा था –
- जैसा कि आप सबको पता है कि अटल बिहारी वाजपेई एक अच्छे राजनेता होने के साथ – साथ अच्छे कवि भी थे।
- इन्हें अपने पिता से ही कविता लिखने की प्रेरणा मिली थी। कविता लिखने का गुण उन्हें विरासत में मिला था।
- अटल बिहारी वाजपेई ने कई कविताएं लिखी हैं। मेरी इक्यावन कविताएं अटल बिहारी वाजपेई का प्रसिद्ध काव्य ग्रंथ है।
- अटल बिहारी वाजपेई की पहली कविता ताजमहल है। उन्होंने इस कविता के माध्यम से कारीगरों के साथ जो शोषण हुआ था उस भावना को व्यक्त किया है।
” एक शहंशाह ने बनवा के हंसी ताजमहल,
हम गरीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक“
- अटल बिहारी वाजपेई ने अपनी किशोरवस्था में एक कविता लिखी थी। जो इस प्रकार है
“हिन्दू तन – मन हिन्दू जीवन,
रग – रग हिन्दू मेरा परिचय“
- उनकी इस कविता से यह पता चलता है कि अटल बिहारी जी का बचपन से ही देश सेवा की तरफ रुझान रहा है।वे देश के हित के लिए कुछ करना चाहते थे।
- अटल बिहारी वाजपेई ने अपनी परिवर्तनशील परिस्थितियों, जेल – जीवन,राष्ट्रव्यापी आंदोलन आदि संघर्षों को उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से व्यक्त किया है।
अटल बिहारी वाजपेई की पसंदीदा चीजें –
- अटल बिहारी वाजपेई को कविता लिखने, भारतीय संगीत सुनने, पढ़ने और यात्रा करने का बहुत शौक था।
- अटल बिहारी वाजपेई को खाने का बहुत शौक था। उन्हें खाने में चाइनीज़ खाने, झींगा(Prawns), मंगौड़े, गाजर का हलवा, अलवर मिल्क केक, खिचड़ी, पूरी, कचौड़ी, दही – पकौड़ी, खीर, पराठा और मालपुआ पसंद था।
- अटल बिहारी वाजपेई धूम्रपान भी करते थे।
- इनको घूमना भी बहुत पसंद था। इनका Favourite पर्यटक स्थल मनाली था।इस पर उन्होंने एक कविता भी लिखी है।
- इनको फिल्में देखना और गीत सुनना भी बहुत पसंद था।इनकी पसंदीदा फिल्में बॉलीवुड में देवदास, बंदिनी, तीसरी कसम, मौसम, ममता और आंधी थी। हॉलिवुड में इनकी Fav. फिल्में Bridge over the river kwai, Born free, Gandhi थी।
- इनके पसंदीदा गीत ‘ओ मेरे मांझी, सुन मेरे बन्धु रे, कभी – कभी मेरे दिल में था।
- इनकी पसंदीदा गायिका लता मंगेशकर और गायक मुकेश, एस. डी.बर्मन थे।
- इनके Favourite अभिनेता और अभिनेत्री संजीव कुमार, दिलीप कुमार, सुचित्रा सेन, राखी और गुलज़ार थे।
- अटल बिहारी जी के Favourite संगीतकार सचिन देव बर्मन थे।
- अटल बिहारी वाजपेई के पसंदीदा नेता महात्मा गांधी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और जवाहरलाल नेहरू थे।
- इनके Favourite लेखक प्रेमचंद और शरत चंद थे।इनकी कहानियां पढ़ना अटल जी को बहुत पसंद था।
- हरिवंशराय बच्चन, रामनाथ अवस्थी, डॉ. शिवमंगल सिंह सुमन, सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”, बाल कृष्ण शर्मा नवीन, जगन्नाथ प्रसाद मिलिंद और अहमद फैज इनके Favourite कवि थे।
अटल बिहारी वाजपेई की प्रमुख रचनाएं –
अटल बिहारी जी की प्रमुख रचनाएं कुछ इस प्रकार हैं-
- रग रग हिन्दू मेरा परिचय
- मृत्यु या हत्या
- अमर बलिदान
- कैदी कविराय की कुंडलियां
- संसद में तीन दशक
- अमर आग है।
- कुछ लेख: कुछ भाषण
- सेक्युलर वाद
- राजनीति की रपटीली राहें
- बिन्दु बिन्दु विचार इत्याद
- मेरी इक्यावन कविताएं
(Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi)
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अटल बिहारी वाजपेई को कौन कौन से पुरस्कार से सम्मानित किया गया –
- अटल बिहारी वाजपेई जी को सन् 1992 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
- अटल बिहारी वाजपेई को सन् 1993 में कानपुर विश्वविद्यालय में डिलीट की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
- सन् 1994 में अटल बिहारी वाजपेई को तीन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।सबसे पहले लोकमान्य तिलक पुरस्कार,दूसरा श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और तीसरा भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ भाई पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- फिर सन् 2015 में इन्हें तीन पुरस्कार मिले।
- मध्य प्रदेश में भोज मुक्त विश्वविद्यालय से डीलीट की उपाधि प्राप्त की थी।
- बांग्ला देश सरकार द्वारा फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार आवार्ड मिला था।
- भारत से सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
अटल बिहारी वाजपेई की कुछ प्रमुख बातें जिनके लिए वे जाने जाते हैं –
- ये उदारवादी, अपने पराए में भेद ना करने वाले,कुशल वक्ता और प्रसिद्ध हिंदी कवि थे।
- वाजपेई जी ने भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न देशों जैसे – अग्नि – दो और परमाणु परीक्षण करके देश की सुरक्षा के लिए साहसी कदम उठाया था।
- अटल बिहारी वाजपेई ने 1993 में पोखरण में भारत का दूसरा परमाणु परीक्षण करके भारत को दुनिया के परमाणु परीक्षण वाले देशों में शामिल किया। और इसकी भनक भी नहीं लगी अमेरिका की सी.आई.ए. को।
- अटल बिहारी वाजपेई पहले ऐसे व्यक्ति थे जो गैर कांग्रेसी पार्टी के होते हुए भी इतने लंबे समय तक प्रधानमंत्री का पद को संभाला।
- अटल बिहारी वाजपेई पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने गठबन्धन सरकार को सफलतापूर्वक चलाया।
- अटल बिहारी वाजपेई पहले ऐसे विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर भारत देश को गौरवान्वित किया था।
- अटल बिहारी वाजपेई पहले ऐसा नेता थे जिन्होंने चार राज्यों से संसदीय सीट का चुनाव जीता था। इन्होंने उत्तरप्रदेश के लखनऊ और बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्यप्रदेश के ग्वालियर और विदिशा तथा दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय शीट से चुनाव जीता था।
- अटल बिहारी वाजपेई को सन 1975 में आन्तरिक आपातकाल के दौरान प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल से अन्य नेताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था।
- वैसे तो अटल बिहारी वाजपेई के प्रधानमंत्री बनने पर भ्रष्टाचार का कोई भी गंभीर आरोप नहीं लगा था लेकिन उनकी आलोचना की गई थी जब उन्होंने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद के विध्वंस होने पर जनता को उकसाया था।
(Atal Bihari Vajpayee Biography in Hindi)
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अटल बिहारी वाजपेई के विचार –
इनके कुछ विचार इस प्रकार हैं-
“हार नहीं मानूंगा,रार नहीं ठानूंगा
काल के कपाल पर लिखता ही जाता हूं।”
” जूझने का मेरा इरादा ना था,
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा ना था,
रास्ता रोककर वह खड़ी हो गई,
यों लगा जिंदगी से बड़ी हो गई “
“इंसान बनो केवल नाम से नहीं, रूप से नहीं,
शक्ल से नहीं, हृदय से, बुद्धि से, सरकार से,
ज्ञान से।”
“कदम मिलाकर चलना होगा, बाधाएं आती हैं आएं,
घिरे प्रलय की घोर घटाएं,पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसे यदि ज्वालाएं, निज़ हाथों में हंसते हंसते
आग लगाकर जलना होगा,कदम मिलाकर चलना होगा।”
“आओ फिर से दिया जलाएं,भरी दोपहरी में अंधियारा,
सूरज परछाईं से हारा,अंतरतम का नेंह निचोड़े,
बुझी हुई बाती सुलगाएं, आओ फिर से दिया जलाएं।”
“क्या हार में क्या जीत में,किंचित नहीं भयभीत मैं,
कर्तव्यपथ पर को भी मिला,यह भी सही वो भी सही,
वरदान नहीं मानूंगा हो कुछ भी पर हार नहीं मानूंगा।”
“मैं मरने से नहीं डरता हूं,
बल्कि बदनामी होने से डरता हूं।”
“खून क्यों सफेद हो गया,भेद में अभेद खो गया,
बंट गए शहीद, गीत कट गया, कलेजे में कटार दढ़ गई,
दूध में दरार पड़ गई,
खेतों में बारूदी गंध, टूट गए नानक के छंद
दूध में दरार पड़ गई।”
“मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं,
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं।”
“छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता,
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।”
“सहायता बहुत महंगी चीज है,
हर किसी से इसकी उम्मीद मत करना।”
“अगर भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं होता।
तो भारत भारत नहीं होता।”
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