दुनियाभर में लोकप्रिय मसालों में काली मिर्च का नाम भी शामिल है। खाने को तीखा स्वाद देने वाली काली मिर्च (Black Pepper) लोगों को बहुत पसंद आती है क्योंकि इसके नुकसान कम और फायदे ज्यादा होते हैं। यूरोप में खाना पकाने में सबसे आम मसालों में सूखी और पिसी हुई काली मिर्च का बहुत इस्तेमाल किया जाता है।
सलाद, शिकंजी या सैंडविच कुछ भी बनाना हो, अगर काली मिर्च (Black Pepper) ऊपर से छिड़की जाए, तो स्वाद लाजवाब हो जाता है। हालांकि, Black Pepper केवल इन्हीं चीजों का जायका नहीं बढ़ाती, बल्कि यह आपके किसी भी खाने का स्वाद बढ़ाने का काम करती है। एक छोटी-सी काली मिर्च न जाने कितने फायदे करती है, जानकर वाकई में हैरानी होती है।
काली मिर्च (Black Pepper) में पेपराइन नामक रसायन होता है जिसकी वजह से इसका स्वाद तीखा होता है। पेपराइन को जठरांत्र तंत्र के फायदेमंद माना जाता है। पाचन में सुधार के अलावा Black Pepper शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसलिए इसे खाने से न केवल पाचन क्षमता बढ़ती है और खाना अच्छी तरह से अवशोषित हो पाता हे बल्कि शरीर के मेटाबोलिज्म द्वारा पैदा हुए ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (फ्री रेडिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट के बीच हुए असंतुलन) से निपटने में भी मदद मिलती है। स्वास्थ्यवर्द्धक एवं खाने का जायका बढ़ाने वाले गुणों के कारण काली मिर्च को “मसालों का राजा” कहा जाता है।
काली मिर्च (Black Pepper) क्या है ?
जगह के हिसाब से काली मिर्च के अलग-अलग नाम हैं। तेलुगू में इसे नाला मिरियालु, तमिल में करूमिलाकु व कन्नड़ में कारे मनसु कहा जाता है। आपको बता दें कि काली मिर्च एक फूल वाली बेल है, जिसकी खेती इसके फल के लिए की जाती है। वैज्ञानिक रूप से इसे पाइपर नाइग्रम कहा जाता है। जब इस बेल का फल सूख जाता है, तो इसे मसाले के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसी मसाले को काली मिर्च कहा जाता है। इसे पेपरकॉर्न भी कहा जाता है।
वैज्ञानिक नाम:Piper nigrum
कुल: piperaceae
सामान्य नाम: काली मिर्च (Black Pepper)
संस्कृत नाम: मरिच उष्ण

काली मिर्च (Black Pepper) के फायदे
- काली मिर्च (Black Pepper) में पाइपराइन नामक तत्व होता है जोकि Cancer होने से बचाता है।
- कंप्यूटर या लैपटॉप के आगे बैठने से आंखें खराब हो गई हैं तो काली मिर्च आपके लिए कारगर नुस्खा साबित होगा। काली मिर्च को शुद्ध घी में मिलाकर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इतना ही नहीं, इसका सेवन आंखों की बीमारियों को भी दूर रखता है।
- यह पाइपराइन तत्व भोजन पचाने में मदद करता है और पेट सम्बन्धी कई बीमारियां ठीक करने में भी कारगर है। यह पेट में पाए जाने वाले हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्राव तेज करता है, जिससे पाचन अच्छे से हो सके. पाचन सही हो तो पेट की अधिकतर बीमारियाँ होती ही नहीं. Black Pepper पेट में गैस बनने की सम्भावना दूर करता है. सभी आयुर्वेदिक पाचक चूर्ण और गोली में Black Pepper अवश्य प्रयोग होता है।
- आपके भोजन में एक अच्छ स्वाद जोड़ने के साथ-साथ काली मिर्च पाचन शक्ति और भूक को भी बढ़ाती है। अनुसंधानों से यह पता चला है कि काली मिर्च अपनी सुगंध के माध्यम से भूख को बढ़ाने में मदद करती है। अतः जिन लोगों को कम भूख लगती है उनको भूख बढ़ाने के लिए काली मिर्च एक अच्छा और सरल उपाय है।
- अपनी भूख में सुधार लाने के लिए निम्नलिखित आयुर्वेदिक उपाय का अनुसरण करें :- आधा चम्मच काली मिर्च और गुड़ के पाउडर का एक मिश्रण तैयार कर लें। और इस मिश्रण का प्रतिदिन सेवन करें।
- काली मिर्च के पाइपराइन नामक तत्व में Anti-Depressant गुण होते हैं जोकि टेंशन, डिप्रेशन दूर करते हैं। यह तंत्रिका तन्त्र को सजग करता है और स्वस्थ रखता है। काली मिर्च में पिपेरीन सेरोटोनिन के उत्पादन में वृद्धि करके एक एंटीडिप्रेसेंट के रूप में कार्य करता है। सेरोटोनिन मूड नियमन के लिए एक महत्वपूर्ण न्यूरोट्रांसमीटर है और सेरोटोनिन का निम्न स्तर डिप्रेशन का एक महत्वपूर्ण कारक है।
- काली मिर्च Vitiligo (विटिलिगो त्वचा रोग), चेहरे पर महीन लाइन, सिकुड़न और अन्य Skin problems को ठीक करने में सहायक माना गया है।
- सर में Dandruff यानि की रूसी की समस्या दूर करने के लिए 1 चम्मच पीसी काली मिर्च चूर्ण को दही में मिलाकर सर की त्वचा में लगायें। आधे घंटे लगे रहने के बाद पानी से धो दें. इसके अगले दिन बाल शैम्पू से धो दें।
- काली मिर्च मेटाबोलिज्म को तेज करता है. मेटाबोलिज्म तेज होने से अनावश्यक मोटापा और कैलोरीज नष्ट होती हैं. अतः अगर आप वजन घटाने के इच्छुक हैं तो काली मिर्च को अपनी Diet में अवश्य स्थान दें।
- काली मिर्च में विटामिन A, विटामिन C, एंटी-ओक्सिडेंट, Flavonoids पाए जाते हैं. काली मिर्च का एंटी बैक्टीरियल गुण स्वांस सम्बन्धी रोगों को भी दूर करता है।
- काली मिर्च का तेल भी फायदेमंद होता है. बाजार में काली मिर्च एसेंशियल आयल मिलता है. इस तेल की प्रवृत्ति गर्म होती है. इस तेल की मालिश से रक्त संचार तेज होता है, जिससे आर्थराइटिस, गाउट, गठिया रोग में आराम मिलता है।
- दांतों के दर्द में यह तुरंत फायदा पहुंचाता है. दंत रोग से बचाने में यह अच्छा काम करता है, इसीलिए आयुर्वेदिक दंत मंजन चूर्ण में Black Pepper अवश्य प्रयोग होता है।
- काली मिर्च में डाईयूरेटिक, डाईअफोरेटिक गुण पाए जाते हैं. इन गुणों की वजह से काली मिर्च शरीर के विषैले टोक्सिन तत्व, अनावश्यक यूरिक एसिड, बढ़ा हुआ नमक की मात्रा शरीर से बाहर करता है।
- एक कार्मिनेटिव होने के नाते, काली मिर्च पेट में गैस को खत्म करती है, और साथ ही में यह गैस के गठन (निर्माण) को रोकने में भी मदद करती है। काली मिर्च के कार्मिनेटिवे औषधीय गुण का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित में से एक उपाय का पालन करें –
(A) यदि आपका पेट प्रायः गैस का शिकार बनता रहता है तो मिर्च पाउडर या मिर्च के बजाय काली मिर्च की मदद से अपने भोजन को लजीज व मसालेदार बनाये। यह गैस के गठन को रोकने का सबसे सरल उपाय है।
(B) अपच और पेट में भारीपन का इलाज करने के लिए, काली मिर्च और जीरा पाउडर प्रत्येक का एक तिहाई चम्मच को एक गिलास छाछ में मिलाकर पियें।
- काली मिर्च के पाउडर को खाने में इस्तेमाल करने से पेट में कीडों की समस्या दूर होती है. इसके अलावा काली मिर्च के साथ किशमिश खाने से भी पेट के कीड़ों की समस्या से छुटकारा मिलता है।
- महिलाओं के लिए काली मिर्च खाना बहुत फायदेमंद होता है. कालीमिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लेवोनॉयड्स, कारोटेन्स और अन्य एंटी -ऑक्सीडेंट होता है, जिससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है।
- कुछ अध्ययनों के अनुसार, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन जानवरों में ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है, और मनुष्यों में भी इसी तरह के प्रभाव की उम्मीद की जा सकती है। एक स्लोवाकियाई अध्ययन (Slovakian Study) में कहा गया है कि पाइपरिन का सेवन करने से यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- एक दक्षिण अफ्रीकी study के अनुसार, काली मिर्च में मौजूद पाइपरिन के लार्वाइसाइड प्रभाव के कारण यह संक्रमण और बीमारी को फैलाने से रोकने में मदद करता है।
- काली मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट और सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, जो पेप्टिक अल्सर (Peptic Ulcers) को ठीक करने में मदद करते हैं।
- Studies से पता चला है कि काली मिर्च भांप लेने से धूम्रपान के लक्षण कम हो सकते हैं। काली मिर्च धूम्रपान करने की लालसा को रोकने में भी मदद कर सकती है।
- चेहरे से झुर्रियां, रेखाएं, और यहां तक कि काले धब्बों को हटाने के लिए काली मिर्च आपकी मदद कर सकती है। शहद या हल्दी की बराबर मात्रा, 1 चम्मच काली मिर्च और पानी के साथ मिलाएं। इस फेस मास्क को दिन में दो बार अपने चेहरे पर लगाएं।
हफ्ते में कितनी बार काली मिर्च खाना है बेहतर
एक्सपर्ट का कहना है कि हर व्यक्ति को हफ्ते में कम से कम 4 काली मिर्च खानी चाहिए। आप इसे लगभग सभी तरह की सब्जी या दाल में डालकर खा सकते हैं। काली मिर्च की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका अधिक सेवन शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है। ऐसे में नियमित मात्रा में ही इसका सेवन करना बेहतर होगा।

काली मिर्च के गुण –
काली मिर्च औषधीय गुणों से युक्त एक मसाला है। पिपरीन नामक तत्व के कारण इसका स्वाद सबसे अनोखा है। काली मिर्च में आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, क्रोमियम, विटामिन ए और विटामिन सी, और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
काली मिर्च के नुकसान –
- जैसा कि एक कहावत है – बहुत अच्छी चीज की भी ज्यादा मात्रा खराब हो सकती है। तो काली मिर्च के साथ भी कुछ ऐसा ही मामला है। यदि आप काली मिर्च के सेवन की मात्रा को नियंत्रण में रखें तो यह आपकी सेहत के लिए खूब अच्छी है। परंतु जिस पल आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करेंगे, यह आपके शरीर पर नकरात्मक प्रभाव भी डाल सकती है।
- चूँकि काली मिर्च स्वाभाविक रूप से गर्म होती है, इसका अत्यधिक सेवन आपके पेट में जलन पैदा कर सकता है। परंतु चिंता न करें क्योंकि यह जलन अस्थायी होती है और कुछ समय बाद, खुद ही ठीक हो जाती है।
- काली मिर्च को त्वचा और ख़ास करके आँख के सीधे संपर्क से बचाना चाहिए। इससे बहुत जलन हो सकती है।
- साइक्लोस्पोरिन ए, कोलिनरगिक, डिगॉक्सिन और साइटोक्रॉम पी 450 लेने वाले मरीजों को काली मिर्च के सेवन से बचना चाहिए।
- काली मिर्च पेट को खराब कर सकती है और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं भी पैदा कर सकती है। इसलिए जठरांत्र संबंधी विकारों से पीड़ित रोगियों को काली मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए।
- काली मिर्च को प्रायः सूंघने से श्वसन की जलन, अस्थमा आदि जैसी श्वसन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- कुछ दुर्लभ मामलों में, काली मिर्च का सेवन, त्वचा में खुजली, सूजन और लालिमा जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।
- गर्भवती अवस्था में और स्तनपान अवधि के दौरान काली मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर मसालों के प्रति संवेदनशील होता है और उसके पश्चात स्तन-पान कराते समय काली मिर्च की गर्मता आपके दूध में स्थानांतरित हो सकती है, जो आपके शिशु को हानि पहुंचा सकती है।
- गर्मियों में काली मिर्च का अत्यधिक सेवन नाक से खून बहने की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
- अगर आप काली मिर्च खाने के फायदे और नुकसान को Compare करेंगे तो अवश्य ही काली मिर्च के फायदों की जीत होगी। यदि आप इसे बहुत ज्यादा खा लेते हैं तो ये तय है कि काली मिर्च आप को हानि पहुंचा सकती है। तो, संयम से अपने पसंदीदा मसाले का आनंद लें।
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