डेंगू, चिकनगुनिया या फिर वायरल की वजह से प्लेटलेट्स का स्तर गिर जाता है। प्लेटलेट्स काउंट कम होने की वजह से जोड़ों में दर्द, शरीर पर लाल दाने निकालने जैसी समस्या हो जाती है।एक स्वस्थ व्यक्ति में प्लेटलेट्स की कुल संख्या 1.5 लाख से लेकर 4.5 लाख के बीच होती है। प्लेटलेट्स का स्तर कम होने को ‘ लो प्लेटलेट्स’ या ‘थ्रोम्बोसाइटोपेनिया’ कहते हैं।
खानपान में बदलाव और जड़ी बूटियों का इस्तेमाल करके हम लो प्लेटलेट्स के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
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पपीता:
- नए research के अनुसार पपीते और उसके पत्तो में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- पपीता या उसके पत्तों के जूस में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर दिन में दो या तीन बार पीने से कुछ दिनों में प्लेटलेट्स काउंट में सुधार होता है।
पालक:
- पालक में विटामिन k भरपूर मात्रा में पाया जाता है जिससे हड्डियां तो मजबूत होती हैं साथ में ये प्लेटलेट्स काउंट डाउन में भी सुधार लाता है। यह पत्तेदार सब्जी एंटी ऑक्सिडेंट होती है जिसमें आयरन, जिंक, कैल्शियम, पोटैसियम और मैग्नीशियम बेहतरीन मात्रा में पाया जाता है।
- पालक के गरम जूस से गरारे करने से खांसी में भी आराम मिलता है।
- 100 मिली लीटर पालक जूस में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार लेने प्लेटलेट्स बढ़ने के साथ साथ कब्ज की समस्या भी दूर होती है।
- पालक की पत्तियों को कच्चा खाने से भी लाभ होता है।
सीताफल :
- सीताफल में विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है।
- आधा गिलास सीताफल का जूस दिन में तीन से चार बार लें।
तुलसी:
- यह सबसे चमत्कारी पौधा माना जाता है।यह पोटैशियम,विटामिन ए,विटामिन सी और एंटी ऑक्सिडेंट का बेहतरीन श्रोत माना जाता है। लो प्लेटलेट्स को बढ़ाने में विटामिन ए और सी दोनों सहायक होते हैं।
- इसमें एंटी इन्फ्लामेट्री गुण भी पाया जाता है।
- तुलसी जूस बनाने के लिए 10-20ग्राम तुलसी के पत्तों में पानी मिलाकर पीस लें और फिर उसे छान लें।
- उल्टी की शिकायत होने पर एक गिलास तुलसी जूस में एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर पिएं।
- इसे खाने से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है और खांसी जुकाम में भी राहत मिलती है।
- मलेरिया बुखार में भी यह बहुत ही असरदार माना जाता है।
गिलोय:
- एक्सपर्ट्स के अनुसार गिलोय का जूस प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में सहायक होता है।
- इसे बहुत सी जगहों पर ‘ गुडुची’ के नाम से भी जाना जाता है।
- डेंगू की शुरुआत में ही इसका सेवन करने से बुखार काम चढ़ता है। यह रेसिस्टेंट पॉवर को बढ़ाता है।
- इससे स्ट्रेस भी कम होता है।
- इसमें फाइबर,क्रोमियम,पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट,आयरन ओर कैल्सियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- यह एक अच्छा एंटी ऑक्सिडेंट भी है।
- 450 ग्राम पानी में 10 ग्राम गिलोय मिलाकर पिएं।
एलोवेरा:
- एलो वेरा हड्डियों और जोड़ों को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होता है।
- यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- यह एक एंटी बैक्टेरियल एजेंट के रूप में काम करता है।
- एलो वेरा के जूस में 19 अमीनो एसिड,20 खनिज तत्व, और 12 विटामिन्स पाए जाते हैं।
- यह ब्लड प्रेसर को कंट्रोल रखता है साथ में यह लिवर के लिए बहुत अच्छा होता है।
विटामिन सी:
- हमारे शरीर को 400 से 2000 एमजी तक विटामिन सी कि जरूरत होती है।प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में विटामिन सी बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
- इसके लिए हम प्राकृतिक रूप से भी विटामिन सी के सकते हैं जैसे नींबू, संतरा, टमाटर, कीवी, ब्रोकली आदि।
- इसे हम दवा के रूप में भी लेे सकते हैं पर कितनी डोज लेनी है ये एक बार डॉक्टर से कंसल्ट कर लें
व्हीट ग्रास जूस:
- प्लेटलेट्स काउंट को बढ़ाने में व्हीट ग्रास बेहत उपयोगी है।
- गेंहू की कोमल पत्तियों का जूस पीने से हीमोग्लोबिन, रेडब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स की स्थिति बेहतर होती है।
- आधा कप व्हीट ग्रास जूस में थोड़ा नींबू का रस मिलाकर पिएं ।
पानी:
- ब्लड सेल्स पानी और प्रोटीन के बने होते हैं।इसलिए प्लेटलेट्स काउंट कम होने पर खूब सारा पानी पिए।
- हर रोज लगभग 8 से 10 गिलास पानी पिएं।
बचाव के उपाय:
बुखार के शुरवाती लक्षण नजर आने पर बचाव के तरीके अपनाएं।
लक्षण:
- गला खराब होना।
- जोड़ों में दर्द होना।
- नाक से पानी बहना।
- सस्ती महसूस होना।
- तेज बुखार।
- उल्टी महसूस होना या उल्टी होना।
- आंखों के पीछे दर्द होना आदि।
क्या करना चाहिए:
- चाय में अदरक,तुलसी,लौंग और दालचीनी डालकर पीना चाहिए
- गिलोय को हल्के गर्म पानी में मिलाकर पिएं
- प्लेटलेट्स काउंट लो होने पर शुरवात में ही एलोवेरा, गिलोय व पपीते के पत्ते का काढ़ा लें।
- नारियल पानी पिएं। क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में मिनरल होते हैं और यह बॉडी को हाइड्रेट रखता है।अगर कोल्ड कफ है तो नारियल पानी के तुरंत बाद गर्म पानी पिएं।
- बुखार बढ़ने पर डॉक्टर की मदद लें।