त्योहारों के नाम पर सबसे पहले जो चीज दिमाग में आती है वो है मिठाईयां, Snacs, तलीभुनी चीज़े।घर में रहें या दोस्तों के यहां हर जगह ऐसी ही कैलोरी से भरपूर चीजें मन ललचाती हैं और इस पर अपनों का यह कहना की थोड़ा और लीजिए हमें मजबूत कर ही देता है ढेर सारा खाने पर।हमारी खाने की आदत हमें ना केवल मोटा बनाती है बल्कि सेहत से संबंधित तमाम मुश्किलों में भी डालती है।
डब्ल्यू. एच. आे. के अनुसार 2025 तक भारत विश्व का डायबिटिक कैपिटल बन जाएगा।
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की माने तो विश्व के हर एक मधुमेह रोगियों में से एक भारतीय है।
ये आंकड़े सच में बहुत ही खतरनाक हैं और साथ में ये हमें आगाह भी करते हैं कि हमें अपने खानपान में बदलाव लाना होगा।
ओवर ईटिंग के मौके:
- बेबी बर्थ के बाद अक्सर नई मां को रिच फूड खाने की सलाह दी जाती है।ताकि वो दुबारा अपनी सेहत पा सके।उन दिनों में वो ज्यादा काम काज भी नहीं करती हैं। घी वाली दाल, मेवे के लड्डू,मेवे का हरीरा जैसी चीज़ें बैठे बैठे खाने से ना केवल वो मोटापे का शिकार होती हैं बल्कि और भी कई तरह की बीमारियां उन्हें शुरू हो जाती हैं।
- हड़बड़ी में खाना खाने पर भी ओवर ईटिंग हो जाती है।इसी तरह अगर टाइम पर खाना नहीं खाया तो इस बात की पूरी गारंटी है कि मौका मिलते ही आप अधिक खा लेंगे।
- किसी समारोह में बुफे का आयोजन हो तो वहां भी लोग कुछ ज्यादा खा लेते हैं।
दरअसल वह स्टॉल पर इतनी सारी चीजें होती हैं कि थोड़ा थोड़ा करके भी खाया जाए तो भी जरूरत से ज्यादा हो जाती है।
- दोस्तों के साथ खाना पीना चल रहा है तो से मौके पर ओवर ईटिंग हो ही जाती है।
- त्योहारों में घर आए मेहमानों की खातिरदारी अगर खूब सारे पकवानों से ना हो तो ना तो मेहमान खुश होता है और ना मेजबान की तसल्ली होती है।अरे भई,अगर प्यार जताना है तो उसके और भी कई तरीके हैं यूं गले तक ठूस ठूस कर खिलाना जरूरी नहीं ।
ओवर ईटिंग के नुक़सान:
- इससे पेट की बीमारियां हो सकती हैं। एसिडिटी के साथ साथ अल्सर की भी समस्या हो सकती है।
- खाने में अगर फैट ज्यादा हो तो यह आंतो में जमा होकर उसे ब्लॉक कर देता है।
- ज्यादा खाने का असर दिखता है मोटापे के रूप में और दिल से संबंधित बीमारियों के रूप में।
- हाई ब्लड प्रेसर
- हाइ कोलेस्ट्रॉल
- हाई सुगर लेवल
- सिर दर्द
- जोड़ों में दर्द
- डिप्रेशन
- नींद ना आना
- दिल की बीमारी आदि।
कैसे बचें ओवर ईटिंग से:
- ढेर सारा खाना परोसा हो तो थोड़ा रुक कर सोचें कि इन फूड आइटम में से किस में कितनी कैलोरी है। कम कैलोरी वाला खाना खाएं, इससे हेल्थ अच्छी रहेगी।
- ज्यादा लंबे समय तक भूखे ना रहें क्योंकि लंबे समय तक भूखे रहने के बाद जैसे ही खाना मिलता है तो हम कुछ सोचते ही नहीं और भूख शांत करने के लिए सच में कुछ ज्यादा ही खा जाते हैं।
- सुबह का नश्ता या ब्रेकफास्ट स्किप ना करें।
- खाने के आधे पौन घंटे पहले एक प्लेट शलाद खा लें जिससे आप ओवर ईटिंग से बच सकें।
- धीरे धीरे चबा चबा कर खाएं क्योंकि जल्दी जल्दी खाने की आदत ओवर ईटिंग की वजह बन सकती है। जब हम फटाफट खाते हैं तो हमारा ब्रेन इस बात को रजिस्टर नहीं कर पाता कि पेट भर गया या नहीं और हम खाते चले जाते हैं।इसलिए तसल्ली से खाएं इससे खाना पचने में भी आसानी होगी।
- ज्यादा खा लें तो घबराएं ना बल्कि अपना वर्क आउट कुछ ऐसा प्लान करें कि जो भी ज्यादा कैलोरी हमने ली है वो बर्न हो जाए।
- अपने खाने की थाली थोड़ी छोटी रखें क्योंकि हम बड़ी थाली में खाना परोसते हैं तो ज्यादा खा लेते हैं। और इस बात को प्रूफ किया है कार्नेल यूनिवर्सिटी के फूड एंड ब्रांड लैब के रिसर्चर ब्रायन वैनसिंक ने।
- गुस्से या तनाव में खाने की आदत ना डाले।अक्सर लोग गुस्से या स्ट्रेस में ज्यादा खाने लगते हैं ऐसा अक्सर वो करते हैं जो जल्दी स्ट्रेस से बाहर आना चाहते हैं।ऐसे में ज्यादा खाने की आदत ना डालें।