किसी अंग की मांसपेशियों का पूरी तरह से काम ना कर पाना पैरालिसिस (Paralysis Treatment) या लकवा मारना या पक्षाघात कहते है इस रोग को ठीक किया जा सकता है बशर्ते मरीज अगर हिम्मत न हारे तो। पैरालिसिस या लकवा (Paralysis Treatment) का अटैक कभी भी आ सकता है जब उस अंग का Sensation कमजोर होगा। लकवा (Paralysis Treatment) का सही समय पर इलाज न होने से रोगी एक अपाहिज की जिन्दगी जीने को मजबूर हो जाता है, इसीलिए समय रहते ही पैरालिसिस या लकवा मारना (Paralysis Treatment) या पक्षाघात का उपचार करना जरुरी है।
लकवा (Paralysis Treatment) एक प्रकार से गंभीर बीमारी है जिससे मरीज का कोई अंग शून्य हो जाता है। लकवा को अंग्रेजी में पैरालिसिस भी कहते हैं, जो अधिकतर 50 वर्ष से अधिक उम्र के इंसान को होता है। ऐसा नहीं है कि यह केवल 50 वर्ष की उम्र में ही हो बल्कि अगर कुछ सावधानी न बरती जाये तो लकवा किसी भी उम्र के मनुष्य को हो सकती है।
जीवन मे चाहे Wealth, Opulence, Honor, Rank, Reputation आदि सभी कुछ हो, लेकिन अगर शरीर मे बीमारी है तो सब कुछ बेकार है और जीवन भी नीरस है। ऐसी ही एक बीमारी है लकवा (Paralysis Treatment), जिससे पीड़ित व्यक्ति जीवनभर सारे परिवार पर बोझ बन जाता है।
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लकवा के लक्षण क्या है : Paralysis Symptoms
- सिर दर्द होना, चक्कर आना या फिर बेहोश होना।
- शरीर में अकड़न आना, शरीर का कोई अंग बार बार सुन पड़ जाना और हाथ पैर को उठाने में परेशानी आना।
- बात करते वक़्त अटकना, तुतलाना या बोलने में कोई परेशानी होना।
- धुँधला दिखाई देना या कोई चीज़ दो बार दिखाना।
लकवा (Paralysis Causes) होने का 3 प्रमुख कारण :-
1. किसी अंग का दबना :-
शरीर के किसी अंग का लगातार अधिक समय तक दबे रहने से भी लकवा हो सकता है। दरअसल किसी अंग के लगातार दबने से उस हिस्से में Blood Circulation ठीक से नहीं हो पाता, जिसकी वजह से हमारा दिमाग उस हिस्से पर Blood Circulation को रोक देता है। Blood Circulation रुकने के बाद उस हिस्से का Nervous System भी शून्य हो जाता है और हमें लकवाग्रस्त जगह पर शून्य होने की वजह से एकदम भारीपन लगता है।
2. Acidic Substance का सेवन:-
Acidic Substance के सेवन से ब्लड में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी Impurities Arteries में रुक जाती है और उनमें Blood Circulation रुक जाता है और लकवा हो जाता है।
3. ज्यादा तनाव में रहने से :-
कभी-कभी ज्यादा तनाव में रहने से मस्तिष्क में खून जम जाता है, जिसके कारण पैरालिसिस होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए ज्यादा चिंता या तनाव में नहीं रहना चाहिए।
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लकवा (Paralysis Treatment) होने पर तुरंत करें ये उपाय :-

- लकवा होने पर मरीज को तुरंत एक चम्मच शहद में 2 लहसुन मिलकर खिलाये. इससे लकवा से छुटकारा मिल सकता है।
- कलौंजी के तेल से लकवे वाली जगह पर मालिश करें।
लकवा (Paralysis) की पहचान :-
जैसे-
- किसी का मुह टेढ़ा हो जाना।
- आँख का टेढ़ा हो जाना।
- हाथ या पैर का टेढ़ा हो जाना।
- शरीर किसी एक साइड से बिलकुल काम करना बंद कर दे।
ये सामान्यतया Paralysis की पहचान है।
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लकवा (Paralysis Treatment) का Certified और राम-बाण इलाज़ :-
अगर मेरा कोई व्यक्ति लकवा (Paralysis Treatment) से पीड़ित है तो कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
- आधा चम्मच सेंधा नमक लीजिए और आधा चम्मच काला नमक लीजिए उसे पानी में मिलाकर पिला दीजिए। ऐसा करने से मरीज काफी हद तक अपनी बीमारी को Cover कर लेता है। ऐसा तीन दिन करें।
- Blood Circulation ठीक रहे इसके लिए लहसुन वाला दूध पीना चाहिए। इसका कोई भी Side-effect नहीं है।
- आधा ग्राम अकरकरा का पाउडर ले उसे एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह शाम लें। ये बहुत असरकारक औषधि होती है Paralysis की।
- अखरोट के तेल की तीन चार बूंदे नाक में डालकर लंबी लंबी सांस लें।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम इस रोग के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसे आपको 1 -1 घंटे सुबह दोपहर और शाम को करना चाहिए।
- लहसुन की तीन चार कलियां लेकर उन्हें कूट लें इसको एक चम्मच शहद के साथ सुबह शाम लें। इसे दिन में तीन से चार बार लें और जब भी ले बिलकुल Fresh बना कर लें। इस नुस्खे का इस्तेमाल आपको 21 दिनों तक करना है।
- कलौंजी के तेल में तीन से चार कलियां लहसुन की ओर कुछ बूंदे गुलाब जल की मिलाकर सुबह शाम लकवे वाली जगह पर मालिश करें।
- शरीर का कोई अंग या शरीर दायीं तरफ से लकवाग्रस्त है तो उसके लिए व्रहतवातचिंतामणि रस (वैदनाथ फार्मेसी) की ले ले। उसमे छोटी-छोटी गोली (बाजरे के दाने से थोड़ी सी बड़ी) मिलेंगी। उसमे से एक गोली सुबह ओर एक गोली शाम को शुद्ध शहद से ले।
- अगर कोई भाई बहिन बायीं तरफ से लकवाग्रस्त है उसको वीर-योगेन्द्र रस (वैदनाथ फार्मेसी) की सुबह शाम एक एक गोली शहद के साथ लें।अब गोली को शहद से कैसे ले..? उसके लिए गोली को एक चम्मच मे रखकर दूसरे चम्मच से पीस ले, उसके बाद उसमे शहद मिलकर चाट लें। ये दवा निरंतर लेते रहना है, जब तक पीड़ित स्वस्थ न हो जाए।
- पीड़ित व्यक्ति को मिस्सी रोटी (चने का आटा) और शुद्ध घी (मक्खन नहीं) का प्रयोग प्रचुर मात्र मे करना है। शहद का प्रयोग भी ज्यादा से ज्यादा अच्छा रहता है।
- छुहारे को दूध में भिगोकर देना भी बहुत लाभकारी होता है।
- सौंठ और उड़द को पानी में मिलाकर हल्की आंच में गरम करके रोगी को रोज पिलाने से लकवा ठीक हो जाता है। ये आसान घरेलू उपाय है।
- 1 चम्मच काली मिर्च को पीसकर उसे 3 चम्मच देशी घी में मिलाकर लेप बना लें और लकवा वाले जगह पर मालिश करें। रोजाना ऐसा करने से रोगी को जल्दी ही फायदा मिलेगा।
- नाशपाती, सेब और अंगूर का जूस बराबर मात्रा में एक गिलास में मिला लें और रोगी को देते रहें। कुछ समय तक यह उपाय रोज करना है तभी फायदा मिलेगा। इसको हर रोज पिलाएं।
- लकवे के लिए आपको करेले की सब्जी या करेले के जूस को Daily खाने या पीने से लकवा से प्रभावित अंगों में सुधार होने लगता है।
- तुलसी के पत्ते, दही और सेंधा नमक को अच्छे से मिलाकर उसका लेप करने से लकावा ठीक हो जाता है। ये उपाय लंबे समय तक करना होगा।
- गरम पानी में तुलसी के पत्तों को उबालें और उसका भाप लकवा वाले अंगों को देते रहने से लकवा ठीक होने लगता है।
- प्याज खाते रहने से और प्याज का रस का सेवन करते रहने से लकवा रोगी ठीक हो जाता है।
- लाल मिर्च, गुड़-शक्कर, कोई भी अचार, दही, छाछ, कोई भी सिरका, उड़द की दाल का सेवन बिलकुल भी ना करें।
- फल मे सिर्फ चीकू ओर पपीता ही लेना है,बाकी कोई भी फल नहीं खाना चाहिए।
- शुरुआती दिनों मे किसी भी मालिस से परहेज रखें। तब तक कोई मालिस न करें जब तक व्यक्ति कम से कम 60% तक स्वस्थ न हो जाए।
- तिल के तेल में कलौंजी मिलाकर अच्छे से गरम कर लें और इसकी मालिश करें। ऐसा करने से ब्लड का circulation भी ठीक रहेगा और तेल गरम होने की वजह से दर्द में भी राहत मिलेगी।
- बाहर का तला भूना हुआ खाना बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।
- धूप सेंकना अत्यन्त लाभकारी होता है इसके मरीजों के लिए।
- बारीक पीसी हुई अदरक 5 ग्राम और काली उड़द दाल 10 ग्राम की मात्रा में ले और 50 ग्राम सरसों के तेल में 5 से 7 मिनट तक गरम करे और इसमें 2 ग्राम पिसे हुए कपूर का चूरा डाल दे। हर रोज इस तेल के इस्तेमाल से गठिया और लकवे की बीमारी में गजब का फायदा मिलता है। इस तेल से जोडों की मालिश करने पर दर्द ठीक होता है।
- खजूर का गुदा लक़वे से प्रभावित अंग पर मलने से भी आराम मिलता है।
- रात को तांबे के बर्तन में एक लीटर पानी भर कर रख दे और पानी में चाँदी का एक सिक्का भी डाल दे। सुबह खाली पेट इस पाई को पिए और आधे घंटे तक कुछ ना खाए पिए। ये प्रयोग लकवा से रिकवर होने में बहुत फायदा करता है।
- हर रोज सुबह शाम देसी गाय के शुद्ध घी की 2 बूँदो को नाक में डालने से लकवे में भी बहुत आराम मिलता है और इसके इलावा इस उपाय से बालो का झड़ना बंद होता है, कोमा में गए हुए व्यक्ति की चेतना लौटने लगती है और दिमाग भी तेज होता है। इस देसी नुस्खे का निरंतर प्रयोग माइग्रेन की बीमारी में रामबाण इलाज का काम करता है।
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